विविध भारती के दोस्तो़…
विविध भारती के दोस्तो़...
‘ध्वनी तरंगो कि ताल पर आप सून रहे है विविध भारती़.. देश कि सुरिली धडकन,
और मै हूँ आपका दोस्त युनुस खान !
दिन के डेढ बज रहे है, पेश है कार्यक्रम मनचाहे गीत !'
माझ्या आयुष्यातील कित्येक दुपारची सुरुवात ही अशी…